मुथुलक्ष्मी रेड्डी कौन हैं, जिन पर गूगल ने बनाया डूडल

मुथुलक्ष्मी रेड्डी कौन हैं, और गूगल  क्यों बनाया उनका डूडल  -

डॉ.मुथुलक्ष्मी रेड्डी की  133 वी  जयंती पर गूगल का डूडल।
Goole Doodle on Dr.Muthulaxmi's 133th anniversary



आज गूगल ने अपने डूडल में " मुथुलक्ष्मी रेड्डी " का डूडल बनाकर उनकी 133 वी  जयंती पर उनको सम्मान दिया।  और गूगल का यही रूल उसे खाश बनाता है। आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे मुथुलक्ष्मी रेड्डी के , की वो कोण थी और उन्होंने क्या काम किये। .

मुथुलक्ष्मी रेड्डी कौन  थी -

आज 30 जुलाई को उनका 133 वी जैनति है और गूगल ने उनका डूडल बनाया है। यह देश की पहली सर्जन होने के साथ विधानसभा में पहुंचने वाली देश की पहली महिला थी। और इन्होने स्वास्थय के  क्षेत्रो में काम करने के साथ देश में हो रहे काम लिंगानुपात को संतुलित करने की तरफ  वर्क किया। और इनकी उपलब्धिया कई सारी है।


  •  मिलनाडु सरकार ने सोमवार को घोषणा की थी कि वह हर साल 30 जुलाई को 'हॉस्पिटल डे' के तौर पर मनाएगी।

इन्होने देश के लिए क्या किया था -

इनका जन्म तमिलनाडु में 1886 को हुआ था उनके पिता एस नारायणस्वामी अय्यर थे, जो महाराजा कॉलेज के प्रिंसिपल थे। उनकी माता चन्द्रमल एक देवदासी थीं। एक देवदासी से शादी करने के कारण उसके पिता को उसके परिवार से दूर कर दिया गया था।और इस कारन उनके मन पर माता का प्रभाव ज्यादा था।
 जिस समय इनका जन्म हुआ उस समय भारत अंग्रजो के कब्जे में था और देश में उनका ही दबदबा  भारतीयों को कोई सुविधाएं और चिकित्सा उपलब्ध नहीं करवाई जाती थी।  

वे उस वातावरण में पलीबढ़ी और उनके मन  पढाई के प्रति लगन थी और अपनी इसी लगन की वजह से वो डॉक्टर बानी और तमिलनाडु के सरकारी अस्पताल में सर्जन की नौकरी करने लगी और बाद में वो देश की  पहली विधायक बानी और लेजिस्लेटिव असेम्बली में पहुंची।
और बाद में इन्हे भारत में कई  सम्मान मिले और वे भारत की   एक प्रतिष्ठित चिकित्सा व्यवसायी, समाज सुधारक और पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित की गईं महिला है। 

और वे 1907  में, वह मद्रास मेडिकल कॉलेज में शामिल हो गईं, जहाँ उन्होंने एक शानदार अकादमिक रिकॉर्ड हासिल किया। कई स्वर्ण पदकों और अपने क्रेडिट के लिए पुरस्कार के साथ, मुथुलक्ष्मी ने 1912 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और भारत की पहली महिला डॉक्टर बन गईं।

 इसके तुरंत बाद, वह एनी बेसेंट और फिर महात्मा गांधी के प्रभाव में आ गई। उनके  ही उनमे प्रभाववश समाज सेवा और भारत की महिलाओ को सम्मान दिलाने में लग गई।  

 वे अपने बचपन से ही परम्परावो को तोड़ने वाली थी और वे लड़को के स्कूल में पढ़ने वाली पहली महिला थीं और भारत की  का ख़िताब बचपन में ही उनको मिल गया था। उनकी शिक्षा पूरी हुई। 

मुथुलक्ष्मी ने क्या -क्या काम किये -
  1.  जिस दौर में मुथुलक्ष्मी रेड्डी बड़ी हो रही थीं, उस समय बाल विवाह का चलन बहुत आम था. लेकिन मुथुलक्ष्मी ने इसका विरोध किया और अपने माता-पिता को उन्हें शिक्षित करने के लिए राजी किया.
  2. मुथुलक्ष्मी ने तमिलनाडू के महाराजा कॉलेज में पढ़ाई की, उस समय तक वह कॉलेज सिर्फ़ लड़कों के लिए ही था. इसके बाद वो मद्रास मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने वाली पहली महिला छात्रा बनीं.
  3. बताया जाता है कि डॉ. रेड्डी की बहन की मृत्यु कैंसर की वजह से हो गई थी, इसके बाद उन्होंने साल 1954 में चेन्नई में एक कैंसर इंस्टिट्यूट की शुरुआत की.
  4. साल 1956 में डॉक्टर रेड्डी को उनकी सेवा और काम के लिए भारत सरकार की ओर से पद्मभूषण से नवाज़ा गया था. साल 1968 में 81 वर्ष की आयु में डॉक्टर रेड्डी का निधन हो गया था.
दोस्तों आज का मेरा आर्टिकल कैसा लगा मुझे कमेंट करके ज़रूर बताये और यह आर्टिकल मैंने गूगल डूडल पर लिखा है और आगे भी मई ऐसे आर्टिकल  लाता रहूँगा। और उम्मीद करता हु की आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी। 

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